Thursday, March 22, 2007

पहली पाती

कुछ दोस्‍त नाराज़ हैं कि मैं मोहल्‍ले को अपनी दुकान बनाने में लगा हूं। साइड बार की झलकियां देखने से लगता है कि सेल्‍फ प्रोज़क्‍शन का कैलेंडर है। सायास ऐसा नहीं भी हो, तो अनायास की कोई व्‍याख्‍या मेरे पास नहीं है। लेकिन शर्म मुझको भी आती है। मैं अब सब यहां शिफ्ट कर रहा हूं। मोहल्‍ला दोस्‍तों का है, और ये मेरा अपना घर है। इस घर के बैठकखाने में भी हम सिगरेट फूंक सकते हैं, चाय सुड़क सकते हैं, लेकिन अपना कमरा सिर्फ मेरे लिए होगा। यहां दोस्‍तों का लिखा कुछ भी नहीं छापूंगा। सिर्फ मैं लिखूंगा। पहली पाती बस इतनी ही।

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