Thursday, March 13, 2008

आइए, रवीश को संबल दें, सहारा दें

रवीश पटना में हैं। पिछले कुछ दिनों से। बाबूजी की तबीयत ख़राब थी। वे अस्‍पताल में थे। रवीश का पिता से कुछ ज्‍यादा ही लगाव रहा है। आपस की बातचीत में वे अक्‍सर पिता के बारे में बताते रहे हैं। आज उनका मैसेज आया, Babuji cudnt Survive... एक दुखद संदेश। जाना ही पड़ता है एक दिन। सबको। लेकिन इस नियति को मान कर सहज शायद ही कोई होता है। बरसों के रिश्‍ते, बरसों की हार्दिकता को नियति के हवाले कैसे किया जा सकता है? रवीश इस वक्‍त दुखी हैं। बात कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। शायद कोई भी नहीं होता होगा, ऐसे वक्‍त में। हम सब उनके दुख को सहारा दे सकते हैं। रवीश को संबल दे सकते हैं।

32 comments:

Udan Tashtari said...

रविश भाई के पिता जी के मृत्यु का समाचार दुखद है. ईश्वर उनके पिता जी की आत्मा को शान्ति प्रदान करे एवं रविश जी के परिवार को इस असीम वेदना को झेलने की शक्ति प्रदान करे.

स्वर्गवासी पिताजी को हमारी श्रृद्धांजली.

Yunus Khan said...

दुखद समाचार । ईश्‍वर पिताजी की आत्‍मा को शांति प्रदान करेऔर रवीश को संबल दे

ब्रजेश said...

इस दुख की घड़ी में हम सब रवीश और उनके परिवार के साथ हैं। पिताजी को हमारी श्रृद्धांजली.ईश्वर उनकी अत्मा को शांति प्रदान करें।

मसिजीवी said...

हमारी हार्दिक संवेदनाएं

अनूप शुक्ल said...

दुखद खबर! रवीश जी को और उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनायें।

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत दुखद समाचार है।प्रभू रविश जी को और उनके परिवार को यह दुख सहनें की ताकत दे।हमारी हार्दिक संवेदनाए।

Arun Aditya said...

दुख की घड़ी में रवीश और उनके परिवार के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं.

Sanjeet Tripathi said...

दुखद:!!
उपरवाला उन्हें शांति दे और रवीश जी को संबल!!

अबरार अहमद said...

रवीश भाई को ऊपर वाला यह दुख बर्दाश्त करने की ताकत दे। बाबु जी की रूह को जन्नत नसीब हो। आमीन। हम सब इस दुख में रवीश भाई के साथ हैं।

Balendu Sharma Dadhich said...

अपार शोक की इस घड़ी में हम रवीशजी के साथ हैं। ईश्वर उनके स्वर्गीय पिताजी की आत्मा को शांति दे और रवीश जी एवं उनके परिवार को यह अथाह दुख सहन करने की शक्ति।

ghughutibasuti said...

हार्दिक संवेदनाएँ ।
घुघूती बासूती

राजीव जैन said...

रवीशजी के दुख में दुखी
ईश्‍वार उनके पिता की आत्‍मा को शांति दे।

अजित वडनेरकर said...

हमारी हार्दिक संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं। ईश्वर बाबूजी की आत्मा को अपनी शरण में लें।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

रवीश जी को इस ह्रदयविदारक पल में सांत्वना

तथा सद`गत की आत्मा को नमन !

Rajiv K Mishra said...

भैया, इस दुख की घड़ी में हम सब आपके साथ हैं। चाचाजी को हमारी श्रृद्धांजली।

Anonymous said...

दुखद खबर! रवीश जी को और उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनायें।

सुजाता said...

इस मानसिक कष्ट से रवीश जल्द उबर सकें ....
हार्दिक सम्वेदनाएँ .........

Ashish Maharishi said...

रवीश जी, पिता जी के मृत्यु का समाचार सुनकर दुख हुआ। रवीश जी इस दुख की घड़ी में हम सब आपके साथ हैं

Mohinder56 said...

इस दुख की बेला में ईश्वर रवीश जी को साहस का संबल प्रदान करें तथा दिवंगत की आत्मा को शान्ति प्रदान करें.

संजय बेंगाणी said...

ह्रदयविदारक पल है, हमारी हार्दिक संवेदनाएं.

Anonymous said...

दुख की इस बेला में हम सभी की संवेदनाएं रवीशजी के साथ हैं। ईश्वर से उनके पिताजी की आत्मा की शांति की कामना है।

विनीत कुमार said...

ravish sir me ravish jaldi laut aayae,wahi dapdapaata andaaz.

मैथिली गुप्त said...

हार्दिक संवेदनायें रवीश जी;

Srijan Shilpi said...

पिता का देहावसान जिंदगी के सबसे गहरे सदमों में से एक होता है। पुरखों से जोड़ने वाली कड़ी टूट जाती है उनके दिवंगत होने से। जिम्मेदारी का अहसास अचानक कई गुना बढ़ जाता है।

रवीश दु:ख के इस अनुभव को धैर्य के साथ अपने चित्त से गुजर जाने दें और अपने पिताजी की यादों और सीखों को संबल बनाकर जिंदगी के नए थपेड़ों का सामना करने के लिए फिर से वापस आएं। वेदना के इन क्षणों में हम उनके साथ हैं।

Anonymous said...

हमारी हार्दिक संवेदनाएं

कंचन सिंह चौहान said...

samjh sakti hu.n unki vedana...ishwar unhe ye dukh sahane ki shakti pradan kare

चलते चलते said...

रविश जी के पिताजी के निधन का समाचार दुखद है। प्रभु उनके पिताजी की आत्‍मा को शांति और रविश जी को यह दुख को सहने की ताकत दें।

Anonymous said...

आज ही पता चला. यह समाचार दुखद है. भगवान उनके पिता जी की आत्मा को शांति प्रदान करें ओर रविश को शक्ति प्रदान करे.

सत्या said...

हार्दिक संवेदनाएँ
आज ही पता चला. यह समाचार दुखद है. भगवान उनके पिता जी की आत्मा को शांति प्रदान करें ओर रवीशजी को शक्ति प्रदान करे

स्वर्गवासी पिताजी को हमारी श्रृद्धांजली

Chandan Pratap Singh said...

बंधुवर रवीश,
ब्लाग के ज़रिए अफ़सोसनाक ख़बर मिली। भगवान आपको संबल दे। सिर पर बरगद का साया अब भले न हो। लेकिन याद रखें कि बरगद ने अपनी शाखें मज़बूत होने के लिए धरती पर छोड़ दी है। कोई भई आंधी-पानी उसे हिला न सके, इसके लिए बरगद ने अपनी हर शाखाओं को सींचकर मज़बूत बनाया है।
शोक की इस घड़ी में हम सब मित्र आपके साथ हैं।
चंदन प्रताप सिंह

Nikhil said...

इतने विलम्ब से इस दुखद समाचार को जान पाया, मेरा दुर्भाग्य...
इश्वर रवीश जी को संयम और संबल दे....
निखिल

sushant jha said...

पिता का मतलब किसी भी परिस्थिति में एक चट्टानी आश्वासन है...और साथ ही पहला सामाजिक परिचय पत्र भी...पिता को खोना सिर्फ महसूस किया जा सकता है...रवीश जी और उनके परिवार को मेरी हार्दिक संवेदनाएं..।